बरकाते शरीअत पोस्ट -018
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
इबादत न बताउं जिससे तुम्हारे गुनाह मिट
जाएं और जिस से तुम्हारे दरजात बुलंद
हो जाएं ? सहाबा ने अर्ज किया, क्यों नही
या रसूलुल्लाह ! आपने फ़रमाया : तकलीफ
के वक़्त मुकम्मल वुजु करना, ज्यादा
क़दम चल कर मस्जिद की तरफ जाना
और एक नमाज़ के बाद दूसरी नमाज़ का
इन्तिजार करना, तुम इन चीजों के पांबद
हो जाओ।
📚( मुस्लिम शरीफ, किताबुत-तहारत )
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! इस हदीस में तीन चीजों को
गुनाहों की बख्शीश का जरिया और सबब
बताया गया है: 1-तकलीफ के वक़्त अच्छी
तरह वुजु करना। तकलीफ के वक़्त से मुराद
कोई ऐसा मरहला हो कि वुजु करना दुशवार हो
मसलन् ठंडी की मौसम कि उसमें बदन पर
पानी बहाना दुशवार होता है 2- मस्जिद की
तरफ ज्यादा क़दम चल कर जाना, यानी
नमाज़ के लिये दूरतक चलना 3-एक नमाज़
के बाद दूसरी नमाज़ का इन्तिजार करना
यह ऐसे आमाल हैं कि अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ
इन की बरकत से गुनाहों को मिटाता है और
दरजों को बुलंद फ़रमाता है क्योंकि दुनिया में
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने हमें आजमाइशके लिये
पैदा फर्माया है, दुनिया हमारे लिये आजमाइश
-गाह है, जिन्दगी के हर मोड पर हमारा
इम्तिहान होरहा है लिहाजा अल्लाहعَزَّوَجَلَّ
की रज़ा के लिये अगर हम तक्लीफ के मरहले
में भी उसकी इताअत व फरमांबर्दारी की
गरजसे अच्छी तरह वुजु करेंगे तो गोया हमने
इस बात का इजहार किया कि हमने अल्लाह
के हुकम के सामने हर हाल में अपनी गर्दन
डालने के लिये तैयार है, गोया हम अपने
इम्तिहान में कामयाबी की राहपर हैं और जब
हम दुनिया के इम्तिहान में कामयाब हो जाएंगे
तो इन्शाअल्लाह ...! ! ! ! आखिरत में भी
कामयाबियों से हमकिनार होंगे।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.91
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 10
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏽गुनाह मिटाने का जरिया👇🏽
हजरत अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه
बयान करते है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरशाद फर्माया क्या मैं तुम्हें ऐसीइबादत न बताउं जिससे तुम्हारे गुनाह मिट
जाएं और जिस से तुम्हारे दरजात बुलंद
हो जाएं ? सहाबा ने अर्ज किया, क्यों नही
या रसूलुल्लाह ! आपने फ़रमाया : तकलीफ
के वक़्त मुकम्मल वुजु करना, ज्यादा
क़दम चल कर मस्जिद की तरफ जाना
और एक नमाज़ के बाद दूसरी नमाज़ का
इन्तिजार करना, तुम इन चीजों के पांबद
हो जाओ।
📚( मुस्लिम शरीफ, किताबुत-तहारत )
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! इस हदीस में तीन चीजों को
गुनाहों की बख्शीश का जरिया और सबब
बताया गया है: 1-तकलीफ के वक़्त अच्छी
तरह वुजु करना। तकलीफ के वक़्त से मुराद
कोई ऐसा मरहला हो कि वुजु करना दुशवार हो
मसलन् ठंडी की मौसम कि उसमें बदन पर
पानी बहाना दुशवार होता है 2- मस्जिद की
तरफ ज्यादा क़दम चल कर जाना, यानी
नमाज़ के लिये दूरतक चलना 3-एक नमाज़
के बाद दूसरी नमाज़ का इन्तिजार करना
यह ऐसे आमाल हैं कि अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ
इन की बरकत से गुनाहों को मिटाता है और
दरजों को बुलंद फ़रमाता है क्योंकि दुनिया में
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने हमें आजमाइशके लिये
पैदा फर्माया है, दुनिया हमारे लिये आजमाइश
-गाह है, जिन्दगी के हर मोड पर हमारा
इम्तिहान होरहा है लिहाजा अल्लाहعَزَّوَجَلَّ
की रज़ा के लिये अगर हम तक्लीफ के मरहले
में भी उसकी इताअत व फरमांबर्दारी की
गरजसे अच्छी तरह वुजु करेंगे तो गोया हमने
इस बात का इजहार किया कि हमने अल्लाह
के हुकम के सामने हर हाल में अपनी गर्दन
डालने के लिये तैयार है, गोया हम अपने
इम्तिहान में कामयाबी की राहपर हैं और जब
हम दुनिया के इम्तिहान में कामयाब हो जाएंगे
तो इन्शाअल्लाह ...! ! ! ! आखिरत में भी
कामयाबियों से हमकिनार होंगे।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.91
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in