Wednesday 10 August 2016

ईमान का बयान पार्ट 01, *बरकाते शरीअत पोस्ट -001

👉🏽 *बरकाते शरीअत पोस्ट -001*



👉🏽 *ईमान का बयान पार्ट 01*

*🔹بسم الله الرحمن الرحيم*
*🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله*
*🔹ﷺ*

*👉🏽 ईमान का बयान*
अल्लाह  عَزَّ وَجَلَّ  क़ुरआने पाक में इरशाद
फ़र्माता है: *यह है अल्लाहعَزَّ وَجَلَّतुम्हारा*
*रब और  उसके  सिवा किसी की  बन्दगी*
*नही हरचीज़का बनानेवाला तो उसे पूजो*
*जो वह हर चीज पर निगहबान है।*
📚 *(कन्जुल ईमान, पारा:5, रुकूअ:18)*
हजरत उमर बिन खत्ताब رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रवायत है  कि  एक  दिन  हम रहमते
आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم की खिदमत
में हाजिरथे, अचानक एकशख्स हमारे सामने
आया  जिसके  कपडे  निहायत  सफेद  और
बाल काले सियाहथे, न उसपर सफरकी कोई
अलामत दिखाई देतीथी और न हममें से कोई
उसे  जानता था।  आखिर  वह हुजूर  नबी ए
करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के  पास बैठ
गया और उसने अपने धुटने हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم घुटनों से मिला दिये  और अपने
दोनोँ हाथ हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
रानों पर रख दिये, फिर कहने लगा:
*ए  मुहम्मद  صَلَّى اللّٰهُ  عَلَئهِٖ وَسَلَّم  मुझे*
*इस्लाम के  बारे में  बताईये,* हुजूर  नबी ए
करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِ ٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया:
*इस्लाम ये है कि तू गवाही दे कि अल्लाह*
*के सिवा कोई  मअबूद नही और मुहम्मद*
*अल्लाह के  रसूल है  और तू  नमाज़ पढ़े,*
*जकात  दे,  रमज़ान  के  रोज़े  रखे  और*
*कअबतूल्लाह का हजकरे अगर तू उसके*
*रास्तेकी इस्तिताअत रखता हो* उसने कहा
*आपने सच फ़रमाया।* (रावी कहते  है) हमें
इस पर तअज्जुब हुआ  कि वह हुजूर नबी ए
करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم से सवाल भी
करता है  फिर उनकी  तस्दीक भी  करता है।
फिर  उसने  कहा : *मुझे  ईमान  के  बारे  में*
*बताइये।*  हुजूर صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  ने
फ़रमाया : *ईमान  यह  है   कि अल्लाह  के*
*फिरिश्तो, उसकी  किताबों, उसके रसूलों*
*और आखिरत के दिन पर और भली बुरी*
*तक़दीरकी तस्दीक करे।* उस शख्सने कहा
*आपने सच फ़रमाया।*  फिर उसने कहा कि
*मुझे  एहसान के  बारे में  बताइये,* सरकारे
मदीना صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया :
*एहसान यह है कि तू अल्लाह तआलाकी*
*इबादत इसतरह करे कि गोया तू उसे देख*
*रहा है, अगर तू  उसे देख नही  सकता तो*
*कम अज  कम इतना ख्याल  हो  कि वह*
*तुझे देख रहा है।*
*📚 (मुस्लिम शरीफ : 2/27)*
मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो ! मज़कूरा बाला हदीसे पाक की
तशरीह करते  हुए हजरत  शैख अब्दुल  हक़
मुहद्दिस  देहलवी رحمت الله عليه  तहरीर
फरमाते है *" इस्लाम  जाहिरी आमाल  का*
*नामहै (मसलन नमाज़ पढ़ने,रोज़ा रखने,*
*जकात देने,वगेराका)"* और *"ईमान नामहै*
*ऐतिकादे बातिल का (मस्लन अल्लाह  व*
*उसके प्यारे रसूल صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم*
*को  दिल से  मानने का) "* और  इस्लाम व
इंमान के मज्मुए का नाम दिन है।
📚 *(हवाला) बरकाते शरीअत पेज 74*
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    *मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in