Saturday 20 August 2016

नमाज़ की कुंजी, जन्नत के आठ दरवाजे, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 02, बरकाते शरीअत पोस्ट -010

बरकाते शरीअत पोस्ट -010
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 02

🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ
          👇🏽 नमाज़ की कुंजी 👇🏽
हजरत जाबिर  رَضِىَ  اللّٰه ُ تَعَالٰى عَنٔه  से
रवायत है कि हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने
इर्शाद फ़रमाया जन्नत की कुंजी नमाज़ है
और नमाज़ की कुंजी वुजु है।

 👇🏽 जन्नत के आठ दरवाजे 👇🏽
हजरत उक़बा बिनआमिरرَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه  से  रवायत  है  कि  मैंने  हुजूर  नबी  ए
करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم को ये फ़र्माते
हुए सुना है  कि  जिसने  अच्छी  तरह वुजु
किया  फिर उसने  खड़े  होकर  इस तरह
नमाज़ पढ़ी  कि उसको इल्म हो  कि  वह
नमाज़ में क्या पढ़ रहा है तो वह उस दिन
की  तरह  (गुनाहों  से साफ)  हो  जायेगा
जिस दिन वह अपनी मां के बतन से पैदा
हुआ था।
📚मुसन्नफे इब्नेहुमाम सनआनी:1/45

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो ! इस हदीस में यह फ़रमाया गया
कि अच्छी  तरह वुजु  करके दिल को हाजिर
रखते   हुए   नमाज़  अदा   करने  वाले   को
अल्लाह  عَزَّ وَجَلَّ गुनाहों से इस तरह पाक
फरमा देता है जैसे अभी -अभी अपनी मां के
पेट से पैदा हुआ हो।

इसी  तरह  उमर رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه  से
रवायतहै कि हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने
इर्शाद फर्माया: जिस शख्स ने अच्छी तरह
वुजु  किया  फिर  खड़ा  होकर  इस तरह
नमाज़ पढ़ी कि उस को  इल्म हो  कि वह
नमाज़ में  क्या  पढ़  रहा  है,  फिर  उसने
         ☄اَشْھَدُ  اَن ْ لَّا اِلَّااللّٰہُ
    وَاَشْھَدُاَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُہُ وَرَسُوْلُہُ☄
पढ़ा  तो  उस के  लिये  जन्नत  के  आठों
दरवाजे  खोल   दिये  जाएंगे   वह   जिस
दरवाजे  से   चाहेगा  जन्नत  में   दाखिल
हो जाएगा।
📚मुसन्नफे इब्नेहुमाम सनआनी:1/46

इस हदीससे मुराद यातो येहै कि अत्तहिय्यात
में जो  कलिमा ए शहादत  पढ़ा जाता है उस
वक़्त जन्नत के  दरवाजे खोल दिये  जाते है
या  यह  कि  सलाम फेरने के बाद  कलिम ए
शहादत  पढ़ने से  जन्नत के  आठों  दरवाजे
खोल दिये जाते है।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.84
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in