Friday 12 August 2016

*ईमान का बयान पार्ट 03, बरकाते शरीअत पोस्ट -003

 *बरकाते शरीअत पोस्ट -003*
👉🏽 *ईमान का बयान पार्ट 03*

*🔹بسم الله الرحمن الرحيم*
*🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله*
*🔹ﷺ*

*👉🏽 अक़ीदा*
*अल्लाह की जात व सिफत के मुतल्लिक*
👉🏽 अल्लाह 1 है, पाक, बेमिसाल, बेएब है।
हर कमाल व खूबी का जामेअ है। वह हमेशा
से है और हमेशा रहेगा। उसके सिवा जोकुछ
है, पहले न था जब उसने पैदा किया तो हुआ
वह किसीबातमें किसीका मोहताज नही और
सब उसीके मोहताज है वो सबका मालिक है
जो चाहे करे। बगैर उसकेचाहे जर्रा हिल नहीं
सकता सब उस्के बन्दे है, वह अपने बन्दों पर
मां,बापसे ज्यादा महेरबान,रहम फरमानेवाला
गुनाहबख्शनेवाला, तौबाक़ुबूल फर्मानेवालाहै
इज़्ज़त व जिल्लत सब उसी के कब्जे में है।
👉🏽 हिदायत व गुमराही उसीकी जानिबसे है
जिसे चाहे हिदायत दे और जिसे चाहे गुमराह
करे, उसका हरकाम, हिक्मत और इंसाफ है।
बन्दे की समझ में आए या न आए। बन्दों पर
उसके एहसानात बे इन्तिहा है।
👉🏽 वही अल्लाहعَزَّ وَجَلَّइस लाइक है कि
सिर्फ उसी की इबादत की जाए, उसके सिवा
दूसरा कोई भी इबादत के लाइक नही।
👉🏽 हकीकी बादशाह अल्लाह तआला ही है
और  वही अलीम  व हकीम  है।  कोई  चीज
अल्लाहعَزَّ وَجَلَّके इल्मसे बाहर नही, दिलो
के खतरों और वस्वसोंकी भी खबर रखता है
उसके इल्म की कोई इन्तिहा नही।
👉🏽 अल्लाह  रब्बुल इज़्ज़त  जो चाहे, जैसा
चाहे करे। किसी का उस पर कोई दबाव नही
न कोई उसके इरादे से उस को रोकने वाला है
बन्दों के अच्छे काम से खुश होता है और बुरे
काम से नाराज होता है।
👉🏽 हकीकतन रोज़ी पहूंचाने वाला, औलाद
अता  फरमाने वाला  नीज  हर  जरूरत  पूरी
करने वाला  वही है,  फिरिश्ते  वगैरा  वसीला
और राब्ता है।
👉🏽 खुदाएतआला केलिये हरएब नामुमकिन
बल्कि मुहाल है। *जैसे झुठ, जहालत, भूल,*
*जुल्म* वगैरा..... तमाम बुराइयां खुदा के लिये
मुहाल है और जो यह मानेकी खुदा झुठ बोल
सकता है, लेकिन बोलता नही,  ऐसा अक़ीदा
रखनेवाला गुमहार है गोया वो मानरहा है कि
खुदा  एबी  तो  है  लेकिन अपना  एब (झुठ)
छुपाए हुए है मअज़ल्लाह
📚 *(हवाला) बरकाते शरीअत पेज. 76*
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    *मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in