*बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -003*
*🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله*
*🔹ﷺ*
*मुहब्बत की अलामत*
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ क़ुरआने मुक़द्दस में इर्शाद
फ़रमाता है : *तर्जुमा :- " ए महबूब ! तुम*
*फरमादो कि ए लोगो! अगर तुम अल्लाह*
*को दोस्त रखते हो तो मेरे फरमा बरदार*
*होजाओ, अल्लाह तुम्हे दोस्त रखेगा और*
*तुम्हारे गुनाह बख्श देगा।
इस आयत में अल्लाह
ने साफ़ अल्फ़ाज़में फरमा दियाकी अगर कोई
अल्लाह से मोहब्बत का दअवा करे तो उसे
صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم दलील में रसूलल्लाह
की इत्तेबाअ करनी होगी वरना उसका दअवा
صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم महिज दअवा बेदलील होगा। जब तक हुजूर
रहमते आलम की
अदाये और आपकी सुन्नतें अपना नली जाए
उस वक़्त तक अल्लाहसे मुहब्बत का दअवा
करने वाला अपने दअवे में झुटा कहलाएगा।
*हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.63*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ क़ुरआने मुक़द्दस में इर्शाद
फ़रमाता है : *तर्जुमा :- " ए महबूब ! तुम*
*फरमादो कि ए लोगो! अगर तुम अल्लाह*
*को दोस्त रखते हो तो मेरे फरमा बरदार*
*होजाओ, अल्लाह तुम्हे दोस्त रखेगा और*
*तुम्हारे गुनाह बख्श देगा।
इस आयत में अल्लाह
ने साफ़ अल्फ़ाज़में फरमा दियाकी अगर कोई
अल्लाह से मोहब्बत का दअवा करे तो उसे
صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم दलील में रसूलल्लाह
की इत्तेबाअ करनी होगी वरना उसका दअवा
صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم महिज दअवा बेदलील होगा। जब तक हुजूर
रहमते आलम की
अदाये और आपकी सुन्नतें अपना नली जाए
उस वक़्त तक अल्लाहसे मुहब्बत का दअवा
करने वाला अपने दअवे में झुटा कहलाएगा।
*हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.63*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे.
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे.
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in