Sunday 21 August 2016

मेरी सुन्नत लाजिम पकड़ो, इत्तेबाऐ सुन्नत पर अहादीस पार्ट 03, बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -011

बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -011
👉🏽 इत्तेबाऐ सुन्नत पर अहादीस पार्ट 03

🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

    👇🏽 मेरी सुन्नत लाजिम पकड़ो👇🏽

हजरत इरबाजرَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔهफ़र्माते
है : एक दिन हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
हमे नमाज़ पढाई, फिर हमारी तरफ मुतवज्जोह
होकर हमें ऐसा वअज फर्माया कि आँखे डूब
डुबा गई और दिल दहल गये।  एक शख्स ने
अर्ज की: या रसूलल्लाह ﷺ ! मुझे ऐसा लगता है
कि यह अलविदाई ख़िताब है इस वक़्त आप
हमसे क़्या वअदा लेंगे? आपने इर्शाद फर्माया
मैं तुम्हे  अल्लाह  के  ख़ौफ़  की  वसियत
करता हूं और (अमीर की बात) सुन्ने और
(इसकी) पैरवी करने की, अगर्चे वह हबशी
गुलाम हो। इस लिये कि मेरे बाद जो लोग
आने वाले है  वह बहुत सारे  इख़्तेलाफत
देखेंगे, तो तुमपर लाजिम है कि मेरी और
मेरे बाद  मेरी जानशीनी इख़्तियार  करने
वाले  खुलफाए  राशिंदीन  के  तरीके  पर
अमल करो,  उन्हें  मजबूती से  थामे रखो
नए मुआमलात से बचते रहो क्यो कि हर
नया मुआमल बिदअत है और हर बिदअत
गुमराही है।
मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो !  इस  रिवायत में  हमें  सरकारे
मदीना صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने ये वसियत
फ़रमाई की हम अपनी जिन्दगी का आईडियल
हुजूर रहमते आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
और  आपके खुलफाए राशिदीन को  बनायें।
सिर्फ इतनाही नही बल्कि हुक्म हुआ कि इसे
मजबूती के साथ पकड़े रखें और उनका दामन
हमारे  हाथों से  कभी  न छुटने पाए,  हम हर
काम  उनके तरीके  पर करें।  इस रिवायत में
जहां  सुन्नत पर मजबूती से  काइम रहने का
हुक्म  हुआ  है  वहीं  नौपैद  मुआमलात  जो
क़ुर्आन व हदीस से हटकर हो, उनसे सख्तीके
साथ बचने का भी हुक्म दिया गया, इस लिये
कि ऐसे नौपैद मुआमलात गुमराही की तरफ
ले जाने वाले है।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.72
               -: हस्बे फरमाइश :-
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
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SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in