Sunday 14 August 2016

इत्तेबाऐ सुन्नत की जरूरत पार्ट 04, इताअत का हुक्म, बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -004

 *बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -004*
👉🏽 *इत्तेबाऐ सुन्नत की जरूरत पार्ट 04*


*🔹بسم الله الرحمن الرحيم*
*🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله*
*🔹ﷺ*
*👉🏽 इताअत का हुक्म*
क़ुरआने मुक़द्दस की  कई आयतो में अल्लाह तआला ने हुजूर की
इताअत का  हुक्म फ़रमाया।  चुनाचें फरर्माने
इलाही है:
1⃣ *हुक्म मानो अल्लाह और रसूल का।*
*📚 सूरे आले इमरान, आयत :32*
2⃣ *और अल्लाह व रसूलके फर्माबरदार*
*रहो इसउमीद परकी तुमरहेम कियेजाओ*
*📚 सूरे आले इमरान, आयत :132*
3⃣ *ए ईमान वालो ! हुक्म मानो अल्लाह*
*और हुक्म मानो रसूलका और उनका जो*
*तुम में  हुकूमत वाले है  फिर अगर तुम में*
*किसी बातका झगड़ा उठेतो उसे अल्लाह*
*और रसूलके हुजूर रुजुअ करो।*
*📚 सूरे निसा, आयत :59*
4⃣ *अल्लाह  व  रसूल  का  हुक्म  मानो*
*अगर  ईमान  रखते  हो।*
*📚 सुरे इनफाल, आयत :1*
5⃣ *ए ईमान वालो ! अल्लाह और उसके*
*रसूल का हुक्म मानो  और सुन सुना कर*
*उस से न फिरो।*
*📚 सुरे इनफाल, आयत :20*
6⃣ *नमाज़  बरपा रखो  और  जकात दो*
*और  रसूल की  फरमा  बरदारी करो  इस*
*उम्मीद पर कि तुम पर रहम हो।*
*📚 सूरे नूर, आयत :56*
7⃣ *और  जो  हुक्म  माने  अल्लाह  और*
*अल्लाह के रसूल का, अल्लाह उसे बागों*
*में लेजाएगा जिनके निचे नहरेंरवां,हमेशा*
*उस में रहेगें और यही है बड़ी कामयाबी।*
*📚 सूरे निसा, आयत :13*
मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो !  इन आयतों से  पता चला  कि
अल्लाहके रसूल صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمकी
इताअत और  उन की पैरवी  हम पर लाजिम
व जरुरी है।  उनकी  पैरवी करने पर अल्लाह
हम  पर  रहम व  करम  की  बारिशें  नाजिल
फ़र्माता है हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم की
इताअत व पैरवी में हमारे लिये रहनुमा उसूल
है।  हुजूर  صَلَّى   اللّٰه ُ  عَلَئهِٖ  وَسَلَّم   की
इताअत व पैरवी ईमान की अलामत है, जान
बूझ कर हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  की
इताअत व पैरवी से  मुंह फेरना इताब (सजा)
का  बाईस है  और हुजूर  रहमते  आलम नूरे
मुजस्समصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمकी ईताअत
व पैरवी  के इनाम में  अल्लाह  जन्नत  अता
फरमाएगा, जिस में किस्म किस्म की नेअमतेँ
और  हर तरह का  आराम मयस्सर  आएगा।
इसलिये हमें चाहियेकी हरहालमें हम इत्तेबाए
रसूल और इताअतेरसूल अपने ऊपर लाज़िम
करले  ताकि  दिन  व दुनिया की  नेअमतों से
माला माल हो जाए।
अल्लाह तआला की  बारगाह में दुआ है कि
हमें इस की तौफीक अता फरमाये।
*📚हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.64*
               *-: हस्बे फरमाइश :-*
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  *मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी*
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in