Tuesday 9 August 2016

फजाइले माहे रमजान, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -04

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -04
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

      👇🏼 फजाइले माहे रमजान 👇🏼
हजरत अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से
रिवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरशाद फर्माया "जब रमजानका महीना
आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दीये जाते है "
📚 ( बुखारी शरीफ, जिल्द.1 स.255)

👇🏼माहे रमजान और रहमते रहमान👇🏼
नबीए करीमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने इर्शाद
फर्माया अल्लाह तआला रमजान कि हर शब
को ब वकते इफ्तार 1लाख दोजखियों को
दोजखसे आजाद फर्माता है और वो दोजखी
ऐसे होतेहै कि उनपर अजाब वाजिब होचूका
होता है, जब रमजानकी आखरी शब होती है
तो उसमे इतनी तादात में आजाद फ़रमाता है
जितनी तादातमें रमजानकी पहली शब से
लेकर आखरी शबतक आजाद कर चूका
होता है.
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in 

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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in