Sunday 14 August 2016

इत्तेबाऐ सुन्नत की जरूरत पार्ट 05, 🏽महबूब बंदो के साथ, बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -005

 *बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -005*
👉🏽 *इत्तेबाऐ सुन्नत की जरूरत पार्ट 05*


*🔹بسم الله الرحمن الرحيم*
*🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله*
*🔹ﷺ*


         *👇🏽महबूब बंदो के साथ👇🏽*
इताअते  रसूल   और  इत्तेबाए  सुन्नत  ऐसा
अमलहै जिससे अल्लाह बहुत खुश
होता है और जब वह खुश होता है तो इनाम
में क्या अता फ़रमाता है, मुलाहिजा फरमाये:
इरशादे बारी तआला है : *तर्जुमा :- और जो*
*अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म माने*
*तो  उसे  उनका  साथ  मिलेगा  जिन  पर*
*अल्लाह  ने  फ़ज़्ल  किया  यानी  अंबिया*
*सिद्दीक, शहीद और नेक लोग,यह क्याही*
*अच्छे साथी है।*
*📚 (सूरए निसा, आयत : 69)*
मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो! नबी उस अज़ीम हस्ती को कहते
है जिन्हें अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने अपनी मखलूक
की रहनुमाई के लिये दुनिया में भेजा। उन का
मकाम  व मर्तबा अल्लाह के नजदीक  इतना
अज़ीम होता है कि वहखुद अल्लाह के मुक़र्रब
होते है  और उन को  अल्लाह यह जिम्मेदारी
देकर  दुनिया में  भेजता है  की वह लोगो को
अल्लाह से  करीब कर दे।  नबी के मर्तबे का
अंदाजआप इसीसे लगासकते है की अल्लाह
उन्हें अपने और अपने बंदो के दरमियान राब्ता
और वसीला बनाता है। सिद्दीक की तारीफ़में
मुफ़स्सिरीन फरमाते है सिद्दीक वह है जिसका
जाहिर व बातिन यकसां होता है। दूसरे कौल
के मुताबिक सिद्दीक उसे कहते है जो सख्तसे
सख्त दिनी काम अंजाम देता है, दिन में रुखसत
तलाश नहीं करता,  बस उसका नजरिया यह
होता है  की शरीअत ने इसका हुक्म दिया या
इससे मना किया तो हमे इसकी पाबंदी करनी
है। शहिद  उसे  कहते है  जिसने अल्लाह की
राहमें अपनी गर्दन कटादी और अपनेखूनका
आखरी कतरा भी अल्लाहके नाम पर क़ुर्बान
कर दिया।  अब जो  रसूल की  इत्तेबाअ और
पैरवी करे  उसे  अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ  इनाम में
किसका साथ अता फरमा रहा है ? नबियों का
सिद्दीकीन का, शोहदा का और सालेहीन का।
*ए  काश !   हम  सख्ती से  इताअते रसूल*
*करने लग जाए* तो जरूर हमारी दुनिया भी
संवर जाएगी  और  आख़ेरत में  भी अल्लाह
हमें इनाम व इकराम से नवाजेगा।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*📚हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.66*
               *-: हस्बे फरमाइश :-* 

       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  *मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी*
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
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SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net

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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in