👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -05
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼मक्का मुअज़्ज़मा में माहे रमजान👇🏼
हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत है कि हुजूर रहमते
आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरशाद
फर्माया " जिसने मक्का में रमजान पाया
और रोज़ा रखा और रातमें जितना हो सका
कयाम किया ( नवाफिल पढ़ी ) तो अल्लाह
तबारक व तआला उसके लिये दूसरी जगह
कि बनिस्बत एक लाख रमज़ानका सवाब
लिखेगा और हर दिन एक गुलाम आज़ाद
करने का सवाब और हर रोज जिहाद करने
का सवाब लिखेगा
📚 (बहारे शरीअत)
मेरे प्यारे आका صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! अगर अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने
आपको इस्तिताअत बख्शी है तो मक्का
मोअज़्ज़मा और मदीना मुनव्वरा में माहे
रमज़ानुल मुबारक गुजरने की कोशिश करो
अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ है कि
हमे इसकी तौफीक अता फरमाये.....आमीन
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
👉🏽 #पार्ट -05
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼मक्का मुअज़्ज़मा में माहे रमजान👇🏼
हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत है कि हुजूर रहमते
आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरशाद
फर्माया " जिसने मक्का में रमजान पाया
और रोज़ा रखा और रातमें जितना हो सका
कयाम किया ( नवाफिल पढ़ी ) तो अल्लाह
तबारक व तआला उसके लिये दूसरी जगह
कि बनिस्बत एक लाख रमज़ानका सवाब
लिखेगा और हर दिन एक गुलाम आज़ाद
करने का सवाब और हर रोज जिहाद करने
का सवाब लिखेगा
📚 (बहारे शरीअत)
मेरे प्यारे आका صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! अगर अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने
आपको इस्तिताअत बख्शी है तो मक्का
मोअज़्ज़मा और मदीना मुनव्वरा में माहे
रमज़ानुल मुबारक गुजरने की कोशिश करो
अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ है कि
हमे इसकी तौफीक अता फरमाये.....आमीन
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in