Tuesday 30 August 2016

🏽ईमान का हिस्सा, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 06, बरकाते शरीअत पोस्ट -014

बरकाते शरीअत पोस्ट -014
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 06

🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

           👇🏽ईमान का हिस्सा👇🏽

अबूमालिक अशअरीرَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه
से रवायत है की हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इरशाद फ़रमाया अच्छी तरह वुजु करना
ईमान का आधा हिस्सा है।
📚 ( इब्ने माज़ा : 1/24 )

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो !  इस हदीस में इस्बागुल वुजु से
मुराद वुजुके तमाम फ़र्ज़, सुनन व मुस्तहबात
को अच्छी तरह से अदा करना है और तमाम
मकरुहात से  बचते  हुए  वुजु करना है।  इस
हदीस  में  वुजु  को  ईमान का  आधा  हिस्सा
फर्माया गया, उसकी वजह मुहद्दिसीने किराम
ने यह बयान फ़रमाई है  कि ईमान बातिन को
पाक कर देता है और वुजु जाहिर को पाक कर
देता है लिहाजा वुजु को ईमान का आधा हिस्सा
करार दिया गया है।

फुकहाए किराम ने फ़रमाया है कि इस हदीस
का एक मअना यह भी है कि अच्छी तरह वुजु
करने का अज्र बढ़कर निस्फ़ ईमान तक पहूंच
जाता है। इसका दूसरा माना यह है कि ईमान
लाने से पहले के गुनाह ईमान लाने से मिट जाते है
इसी तरह वुजु से पहले के गुनाह वुजु से मिट
जाते है लेकिन ईमान के बगैर वुजु नही होता
इस लिये फ़रमाया वुजु निस्फ़ ईमान है।

तीसरा मअना है कि ईमान से मुराद नमाज़ है,
जैसा कि क़ुरआने मजीद में है  "तर्जुमा इस
आयत में ईमान से मुराद नमाज़ है और चूंकि
सेहते नमाज़ के लिये तहारत शर्त है इस लिये
तहारत नमाज़ के  लिये बमन्जिल -ए-जुज है
इस लिये फ़रमाया  वुजु निस्फे ईमान है यानी
नमाज़ का जुज है। इस की एक वजह यह भी
हो  सकती है  कि  तस्दीक  बिल-कल्ब  और
इताअते जाहिरा  दोनों  ईमान के जुज है और
तहारत  ईमान  को   मुतजम्मिन  है   जो  कि
इताअते जाहिरा है  इस एतिबार से  फ़रमाया
वुजु निस्फ़ ईमान है।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.88
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in