Wednesday 17 August 2016

ईमान का बयान पार्ट 07, 🏽मुर्दे से सवाल व जवाब, बरकाते शरीअत पोस्ट -007

 *बरकाते शरीअत पोस्ट -007*
* ईमान का बयान पार्ट 07 *


*🔹بسم الله الرحمن الرحيم*
*🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله*
*🔹ﷺ*

       * 🏽मुर्दे से सवाल व जवाब🏽 *

👉🏽 मुन्कर  नकीर  यह दो  फिरिश्ते  है,  जो
मुर्दे  को  बड़ी  कड़क  आवाज में  सख्ती  से
झिड़कते  हुए  तीन  सवालात  करते  है :
*(1) तेरा रब कौन है*❓
*(2) तेरा दीन क़्या है*❓
*(3) इनके बारे में तू क़्या कहता है*❓
अगर मुर्दा मुसलमान मरा है  तो पहले सवाल
के जवाबमें कहेगा *मेरा रब अल्लाह है* और
दूसरे सवाल के  जवाब में  कहेगा *मेरा  दीन*
*इस्लाम  है*  और तीसरे सवाल  के जवाब में
कहेगा  *यह अल्लाह  के रसूल है  अल्लाह*
*तआला की  तरफ से  इन पर रहमत और*
*सलाम नाजिल हो।*  जब  मोमिन  मुर्दा  हर
सवाल का जवाब सही दे देगा तो अब उस के
लिये  फिरिश्ते  हुक्मे  इलाही से  जन्नत  का
मुकम्मल इन्तिजाम करेंगे जिसमें वो कयामत
तक  रहेगा  और  अगर  मुर्दा  काफिर है  तो
सवालातके जवाबात न देसकेगा और कहेगा
*अफ़्सोस ! अफ़्सोस ! मुझेतो कुछ मालूम*
*नहीं !* अब  फिरिश्ते उस के लिये अज़ाब देने
पर  मुसल्लत  होँगे  और  कयामत  तक उसे
अजाब दिया जाता रहेगा।
👉🏽 सवाब व अज़ाब मुर्दे के बदन और रूह
दोनोंपर होगा,मुर्दाअगर दफन नही कियागया
बल्कि जला दियागया, या कही पड़ा रहगया,
या फेंक दिया गया,  गर्जे कि कहीं  हो उस से
वही सवाल होगा यहां तक कि जिसे  शेर खा
गया तो शेरके पेट में उससे सवाल होगा और
अजाब व सवाब भी वहीं होगा।
👉🏽कब्रमें आराम यातक्लीफ काहोना हक़है
कब्रके अजाब व सवाबका मुन्किर गुमराह है
👉🏽 अंबियाए किरामसे कब्रके सवालात नही
होते  बल्कि  बअज उम्मतियों से  भी कब्र के
सवालात न होंगे। जैसे जुम्मा और रमज़ान में
इन्तिकाल करने वाले मुसलमान।
👉🏽 नबी,वली, आलिमे दीन, शहीद, हाफिजे
क़ुर्आन, जो  क़ुर्आन पर  अमल भी करता हो
और वह बन्दा जिसने कभी गुनाह न कियाहो
और वोबन्दा जो हरवक़्त दुरुद शरीफ पढता
हो, इनतमामके बदनको मिट्टी नहीं खासकती
जो  शख्स  अंबिया  ए किराम  को  कहे  कि
*मर कर मिट्टी में मिल गए* वो शख्स बेदीन,
गुमराह और मूरतकिबे तौहीन है
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*📚हवाला: बरकाते शरीअत स.80*
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  *मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी*
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in