*बरकाते सुन्नते रसूल पोस्ट -007*
🏽 *इत्तेबाऐ सुन्नत की जरूरत पार्ट 07*
*🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله*
*🔹ﷺ*
*🏽अज़ीम कामयाबी🏽*
फरर्माने खुदावंदी है : *तर्जुमा:- जो अल्लाह*
*और उस के रसूल की फरमां बरदारी करे*
*उसने बड़ी कामयाबी पाई।*
* (सूरए अहजाब, आयत : 71)*
*और उस के रसूल की फरमां बरदारी करे*
*उसने बड़ी कामयाबी पाई।*
* (सूरए अहजाब, आयत : 71)*
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! आज हर इन्सान कामयाबी
तलाश करता है और कामयाब होने के लिये
न जाने कहां - कहां भटकता है मगर जिस से
पूछो वह नाकामी की शिकायत कर रहा है।
सवाल यह पैदा होता है कि जब इन्सान हर
आन कामयाबी की तलाश में लगा हुआ है
फिर भी उसे कामयाबी क्यो नही मिल रही है
इस का आसान जवाब यह है कि कुरआन ने
जिस चीज में कामयाबी रखी है हम उसमे
कामयाबी तलाश नकरते हुए उसके इलावामें
कामयाबी तलाश कर रहे है हम क़ुर्आन उठा
कर देखें तो उस में साफ तौर से यह ऐलान है
कि अगर कामयाबी चाहिये तो अल्लाह और
उसके रसूल की इताअत करनी होगी, जो
अल्लाह और उस के रसूल की इताअत करे
उसे सिर्फ कामयाबी ही नही अज़ीम कामयाबी
मिल जाएगी।
आज अगर हम अपने मुआशरेका जाइजा ले
तो वेस्टर्न कलचर का नासूर हर तरफ फैला
हुआ नजर आएगा। बच्चे से लेकर नौजवान
और नौजवानसे लेकर बूढ़ा हर कोई मग़रिबी
तहजीब अपनाने मे अपने लिये फखर महसूस
करता है और हम मग़रिबी तहजीब में अपने
लिये कामयाबी ढूंड रहे है। वल्लाह ! मग़रिबी
तहजीब में न हमे आज तक कामयाबी मिली
है और न ही कयामत तक मिल सकती है।
कुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी
चाहिये तो रसूल का कलचर अपनाओ, रसूल
का बताया हुआ रास्ता अपनाओ, रसूल की
इताअत और पैरवी करो। अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ
की बारगाह में दुआ है कि हमे मग़रिबी
तहजीबसे बचने और इताअते रसूल करने की
तौफ़ीक़ अता फर्माएगे।
प्यारे दीवानो ! आज हर इन्सान कामयाबी
तलाश करता है और कामयाब होने के लिये
न जाने कहां - कहां भटकता है मगर जिस से
पूछो वह नाकामी की शिकायत कर रहा है।
सवाल यह पैदा होता है कि जब इन्सान हर
आन कामयाबी की तलाश में लगा हुआ है
फिर भी उसे कामयाबी क्यो नही मिल रही है
इस का आसान जवाब यह है कि कुरआन ने
जिस चीज में कामयाबी रखी है हम उसमे
कामयाबी तलाश नकरते हुए उसके इलावामें
कामयाबी तलाश कर रहे है हम क़ुर्आन उठा
कर देखें तो उस में साफ तौर से यह ऐलान है
कि अगर कामयाबी चाहिये तो अल्लाह और
उसके रसूल की इताअत करनी होगी, जो
अल्लाह और उस के रसूल की इताअत करे
उसे सिर्फ कामयाबी ही नही अज़ीम कामयाबी
मिल जाएगी।
आज अगर हम अपने मुआशरेका जाइजा ले
तो वेस्टर्न कलचर का नासूर हर तरफ फैला
हुआ नजर आएगा। बच्चे से लेकर नौजवान
और नौजवानसे लेकर बूढ़ा हर कोई मग़रिबी
तहजीब अपनाने मे अपने लिये फखर महसूस
करता है और हम मग़रिबी तहजीब में अपने
लिये कामयाबी ढूंड रहे है। वल्लाह ! मग़रिबी
तहजीब में न हमे आज तक कामयाबी मिली
है और न ही कयामत तक मिल सकती है।
कुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी
चाहिये तो रसूल का कलचर अपनाओ, रसूल
का बताया हुआ रास्ता अपनाओ, रसूल की
इताअत और पैरवी करो। अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ
की बारगाह में दुआ है कि हमे मग़रिबी
तहजीबसे बचने और इताअते रसूल करने की
तौफ़ीक़ अता फर्माएगे।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.67*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.67*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in