Tuesday 9 August 2016

🏼इस्तेकबालिया ख़ुत्बे की तफ़सील , माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -16

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -16
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

👇🏼इस्तेकबालिया ख़ुत्बे की तफ़सील👇🏼
कुतुबेअहादीषमें रमजानुलमुबारककी आमद
के मौके पर हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمके
फरमुदा  ख़ुत्बा की तफ़सील भी  मिलती है।
जिसका तर्जुमा हम तहरीर करते है।  हजरत
सलमान  फ़ारसी رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه  से
रिवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने हम को शाबानके आखरी दिन ख़ुत्बा दिया
फर्माया, अय लोगो !

⭐ एक बहोतही मुबारक माह तुमपर साया
फगन होने  वाला हे  इस में एक रात  ऐसी है
जो हजार महीनो से बेहतर है.

⭐ अल्लाह तआला ने उसके रोज़ोको फ़र्ज़
और रातके कयामको नफल करार दिया है

⭐ जो शख्स  किसी नेकी के साथ अल्लाह
तआला की तरफ कुर्ब चाहे उसको इस कदर
षवाब होता है  गोया उसने दूसरे माह में फ़र्ज़
अदा किया

⭐जिसने रमज़ानमें फ़र्ज़ अदाकिया उसका
षवाब  इस  कदर है  गोया उसने  रमज़ान के
अलावा दूसरे महीनो में 70 फ़र्ज़ अदा किए

⭐ वह  सब्र  का  महीना  है  और  सब्र  का
षवाब जन्नत है

⭐वह लोगोंके साथ गमख्वारीका महीना है

⭐ इस माह में मोमिन का रिज़्क़ बढ़ा दिया
जाता है

⭐ जो इस में  किसी  रोजादार  को  इफ्तार
कराये उसकेगुनाह माफ़कर दिए जातेहै और
उसकी गर्दन आग से आज़ाद कर दी जाती हे
और  उसको  भी  इस कदर षवाब मिलता हे
इससेरोज़ादारके षवाबमें कुछकमी नहीआती
इस पर सहाबाने अर्ज़ किया अय अल्लाह के
रसूल صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم हम  में  से हर
एक में  यह ताकत कहा  के रोज़ादार को सैर
कर के खिलाये  इस पर  आपने फर्माया, यह
षवाब तो अल्लाह उसेभी अता फर्मायेगा
जो एक खजूर या  एक घूंट पानी या एक
घूंट दूध पिला दे

⭐ जिसने  किसी रोज़ादार को  इफ्तारी  के
वक़्त   पानी   पिलाया   अल्लाह  तबारक  व
तआला (रोज़े कयामत) मेरे होजे कौसरसे वो
पानी  पिलाएगा  जिसके बाद  दखुले जन्नत
तक प्यास नहीं लगेगी

⭐ ये ऐसा महीनाहे जिसका अव्वल रेहमत
हे,  उसके  दरमियान  में  बख्शिश  है  और
आखिर में आग से आज़ादी है

⭐ जो शखस  इसमें अपने गुलाम का बोज
हल्का करे  अल्लाह  तआला  उसको  बख्स
देता है और आग से आज़ाद कर देता है
📚 मिश्कात शरीफ, स.173/174
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे

पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in

Copy Paste करके Share करे इल्मे दिन आम करे 

No comments:

Post a Comment

किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in