Tuesday 9 August 2016

🏼रोजा कब फर्ज हुआ ?, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -19

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -19
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

        👇🏼रोजा कब फर्ज हुआ ?👇🏼
मेरे प्यारे आका  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो ! रोज़ा एलाने नबुव्वत के 15 वे
साल यानी 10 शव्वाल 2 हिजरीमें फ़र्ज़ हुआ
अल्लाह तबारक व तआला का फरमान है
अय ईमान वालो ! तुमपर रोज़े फ़र्ज़ किये
गए जैसेकी अगलो पर फ़र्ज़ हुए किकही
तुम्हे परहेज़गारी मिले. अल्लाह तआला  ने
इस आयत में  बतौरे खास जिक्र  फर्माया कि
यह इबादत सिर्फ तुम्ही पर फ़र्ज़ नही की जा
रही है बल्कि  तुमसे पहले लोगो पर भी फ़र्ज़
हो चुकी है.
📚 (सुरए बकर, पा-2 आ.183 )

चुनान्चे तफ़सीरेकबीर व तफ़सीरे अमजदीमें
है  कि हजरत आदम عَلَئهِ السَّلَام से लेकर
हज़रत इसा عَلَئهِ السَّلَام तक हर उम्मतपर
रोज़े फ़र्ज़ रहे.  चुनान्चे  हज़रत आदम عَلَئهِ السَّلَام पर हरकमरी महीनेकी 13वी 14 वी
और 15 वी के रोज़े  और हजरत मूसा عَلَئهِ السَّلَام की कौम पर  आशूरा का रोज़ा फ़र्ज़
रहा।  बाज रिवायतों  में  है  कि सबसे  पहले
हजरत नूह عَلَئهِ السَّلَام ने रोज़े रखे.
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in