Tuesday 9 August 2016

🏼तहज्जूद भी पढ़ ले, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -22

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -22
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

           👇🏼तहज्जूद भी पढ़ ले👇🏼
मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दिवानो !  “ नमाज़े  तहज्जूद ”  हुज़ूर
रहमते आलम صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  कि
निहायतही पसंदीदा सुन्नत है,
आपने ईसपर
दवाम बरताहै (हमेशा पढ़ते) और निहायतही
पाबंदीके साथ इसकोअदा फर्मायाहै।
वैसे तो
हमेंभी ईस सुन्नतकि पाबंदी करने की हमेशा
कोशिश करनी चाहिए  लेकिन माहे  रमज़ान
मुबारक में  उसकी  अदाईगी का  हमारे पास
बहेतरीन मौका है, और वो ये कि सहरी करने
के लिए जब  हम उठते हैं  उससे  चंद मिनिट
पहले उठकर अल्लाह तआलाकी बारगाह में
नमाज़े  तहज्जूद की  चंद  रकआत  पढ़ कर
खिराजे बंदगी पेशकरदें ईंशाअल्लाहु तआला
हमे उसकी बरकत ज़रूर हांसील होगी।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
Copy Paste करके Share करे इल्मे दिन आम करे

No comments:

Post a Comment

किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in