Tuesday 9 August 2016

🏼नमाज़े तहज्जुद का वक़्त🏼, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -23

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -23
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

      👇🏼नमाज़े तहज्जुद का वक़्त👇🏼
नमाज़े  तहज्जुद का  वक़्त नमाज़े  ईशा  के
बाद से सहरी के  वक़्त के खत्म होने तक है,
मगर उस के लिए शर्त है  कि रात में कुछ देर
सो कर उठने के बाद ही उसे पढ़ सकते हैं।

    👇🏼नमाज़े तहज्जुद की रकआत👇🏼
हज़रत ईब्ने उमर  रदीयल्लाहु अन्हुमा बयान
फर्माते हैं कि एक शख्स ने हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم से नमाज़े तहज्जूदकी रकआत
के बारे में सवाल किया तो आपने फर्माया,
दो दो रकअत पढ़ो।
📚(बुखारी शरीफ,जिल्द 1, सफा 153)

हज़रत ईब्ने उमर रदीयल्लाहु अन्हुमासे पूछा
गया, दो दो रकअत का क्या मतलब हैं ?  तो
उन्हो ने  फर्माया,  हर दो  रकअत  के  बाद
सलाम फेर दो।

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दिवानो ! अल्लाहके प्यारे हबीब, रहमते
आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِ ٖ وَسَلَّم  ने मज़क़ुरा
हदीष में रकआत कि तादाद को किसी अदद
के  साथ  मुकैयद  न फरर्माया, फक़त  ईतनी
वज़ाहत फर्माई कि दो दो रकअत पढ़ी जाए,
कम अज़ कम हमें दो रकअत तो पढ़ही लेनी
चाहिए  और  अगर  अल्लाह  तौफीक़  दे तो
4, 6, 8 जितनी रकआत मुमकिन हों पढ़ले।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in