👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -26
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
इफतार और
नबीए करीम की सुन्नते मुबारका
सुन्नत येहै के इफतारमें जल्दीकी जाए यानी
जूं ही इफतारका वक़्त हो जाए बिला ताखीर
इफतार कर ली जाए।
एक हदीष में है कि
नबीए करीमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने इर्शाद
फर्माया जब रातआए औरदिन चलाजाए
और सूरज पूरे तोर पर छुप जाए तो अब
रोज़ादार अपना रोज़ा इफतार करे।
📚(बुखारी शरीफ,जिल्द1,सफा262)
एक और हदीष में है कि हुजूर नबी ए करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरर्शाद फरर्माया
“दीन उस वक़्त तक गालिब रहेगा जब
तक लोग इफतार में जल्दी करते रहेंगे।
क्योंकि यहूद व नसारा इफतार में ताखीर
करते थे।” एक और हदीष में है कि रसूले
अकरम नुरेमुजस्समصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इर्शाद फर्माया “अल्लाहतआला फर्माता
है कि मुज़े अपने बंदो में सबसे ज़्यादा
पसंद वह है जो इफतार में जल्दी करने
वाला हो।”
📚(तिर्मिज़ी शरीफ,जिल्द1,सफा150)
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
👉🏽 #पार्ट -26
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
इफतार और
नबीए करीम की सुन्नते मुबारका
सुन्नत येहै के इफतारमें जल्दीकी जाए यानी
जूं ही इफतारका वक़्त हो जाए बिला ताखीर
इफतार कर ली जाए।
एक हदीष में है कि
नबीए करीमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने इर्शाद
फर्माया जब रातआए औरदिन चलाजाए
और सूरज पूरे तोर पर छुप जाए तो अब
रोज़ादार अपना रोज़ा इफतार करे।
📚(बुखारी शरीफ,जिल्द1,सफा262)
एक और हदीष में है कि हुजूर नबी ए करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने इरर्शाद फरर्माया
“दीन उस वक़्त तक गालिब रहेगा जब
तक लोग इफतार में जल्दी करते रहेंगे।
क्योंकि यहूद व नसारा इफतार में ताखीर
करते थे।” एक और हदीष में है कि रसूले
अकरम नुरेमुजस्समصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इर्शाद फर्माया “अल्लाहतआला फर्माता
है कि मुज़े अपने बंदो में सबसे ज़्यादा
पसंद वह है जो इफतार में जल्दी करने
वाला हो।”
📚(तिर्मिज़ी शरीफ,जिल्द1,सफा150)
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in