Tuesday 9 August 2016

इफतार कि फज़ीलत , माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -27

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -27
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

              इफतार कि फज़ीलत
हज़रत शमसुद्दीन दारानी رحمت الله عليه
फर्मातेहैं कि मैं दिनकारोज़ा रखूँ और रातको
हलाल लुक़मा से  इफतार करूँ  मुज़े  ज़्यादा
महबूबहै कि रात दिन नवफिल पढ़ते गुज़ारूँ

          इफतार कराने की फज़िलत
निसाई  व  इब्ने   खुज़ैमा  ज़ैद  बिन  खालिद
ज़हनी رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रावी हैं कि
फर्माया, जो रोज़ादारका रोज़ा इफतार कराए
या गाज़ी का सामान कर दे तो उसे भी उतना
ही षवाब मिलेगा।
📚 (निसाई शरीफ)
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in