Tuesday 9 August 2016

🏼किस चीज़ से इफतार करे,🏼साइन्स क्या कहती है ?, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -28

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -28
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

     👇🏼किस चीज़ से इफतार करे👇🏼
हज़रत  सलमान  बिन  आमिर  رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से  रिवायत है  कि  रसूल्लुल्लाह صَلَّى  اللّٰهُ  عَلَئهِٖ  وَسَلَّم  ने इर्शाद  फर्माया
“जब तुम में  कोई  रोज़ा इफतार करे  तो
खजूर या छुआरे से इफतार करे ( कि वह
बरकत है) और अगर न मिले तो पानी से
कि वह पाक करने वाला है।”
📚तिर्मिज़ी शरीफ149,इब्ने माजा123

        👇🏼साइन्स क्या कहती है ?👇🏼
हकीम  मुहम्मद  तारिक़  महमूद  चुगताई
“सुन्नते  नबवी  और  जदीद  साइन्स”  में
लिखते है, चूंकि दिनभर रोज़ेके बाद तवानाई
कम हो जाती है इस लिए इफतारी ऐसी चीज़
से होनीचाहिए जो ज़ूदहज़म और मुक़व्वी हो

   👇🏼खजूर का कमीयाई तजज़िया👇🏼
          👇🏼खजूर में क्या क्या हैं👇🏼
👉🏽 - Proteins 2.0
👉🏽 - Carbohydrates 24.0
👉🏽 - Sodium 4.7
👉🏽 - Calcium 67.9
👉🏽 - Copper 0.21
👉🏽 - Phosphorus 638.0
👉🏽 - Chlorine 290.0
👉🏽 - fats 0
👉🏽 - Calories 2.0
👉🏽 - Potassium 754.0
👉🏽 - Magnesium 1.61
👉🏽 - Sulphur 51.6
ईसके अलावा और जोहर (Peroxides)भी
पाया जाता है। सुबह सहरीके बाद शाम तक
कुछ  खाया पिया  नहीं  जाता और  जिस्म मे
केलरी (Calories)  या हरारे मुसलसल कम
होते  रहते  हैं  ईसके लिए खजूर  एक  ऐसी
मोअतदल और जामेअचीज़है जिससे हरारत
एअतेदाल में आ जाती है और जिस्म गूनान्गू
अमराज़ से  बच जाता है।  अगर  जिस्म  की
हरारत को  कंट्रोल न किया जाए  तो मंदरजा
ज़ैल (नीचे लिखे हुए) अमराज़ पैदा होने के
खतरात  होते  हैं 👇🏼 👇🏼 👇🏼 👇🏼
लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)
फालीज (Paralysis)
लक़वा (Facial Paralysis)
और  सर  का  चकराना  वगैरा  वगैरा... ।

गिज़ाईयत की कमीकी वजहसे खूनकी कमी
के मरीज़ों के लिए इफतार के वक़्त फ़ोलाद
(Iron)की असद ज़रूरत है और वो खजूरमें
कुदरती तौर पर मयस्सर है।

बाज़ लोगोंको खुश्की होती है ऐसे लोग जब
रोज़ा रखते हैं तो उनकी खुश्की बढ़ जाती है,
ईसके लिए चूंकि  मोअतदल है  ईस लिए वह
रोज़ादार के हक़ मे मुफीद है।

गर्मियोंके रोज़ेमें रोज़ादारको चूंकि प्यासलगी
होती है और वो इफतारके वक़्त अगर फौरन
ठंडा पानी पी ले तो मेअदे  में गैस, तबखीर
और जिगर के वरम (Liver Inflamaton)
का सख्त खतरा होताहै, अगर यही रोज़ादार
खजूर खाकर पानी पीले तो बेशुमार खतरात
से बच जाता है।
📚 (सुन्नते नबवी और  जदीद साइन्स,
        हिस्सा अव्वल, सफा 186)
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in