Tuesday 9 August 2016

🏼किन चीजों पर ज़कात नहीं है ?, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -42

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -42
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

 👇🏼किन चीजों पर ज़कात नहीं है ?👇🏼

👉🏾 वह जानवर  जो ज़ाती ज़रूरत  के लिए
पाले  गए  हों,  सवारी  की  मोटर  साईकिल,
कार, बस.....

👉🏾 किराया  पर  चलाई   जाने  वाली  चीज़ें
मषलन  साईकिल,  रिक्शा,  टेक्सी, बस, ट्रक
वगैरा  पर  ज़कात  नहीं  है,  अलबत्ता  उनसे
हासिल होने वाली किंमत अगर निसाब को है
तो उस पर ज़कात है।

👉🏾 पहनेके कपड़े, कोट, चादर,कंबल, टोपी
जूते,  घड़ी,  घर का सामान,  बिस्तर,  क़लम,
वगैरा पर भी ज़कात नहीं ख़्वाह यह कितनी
ही ज़्यादा किंमत की क्यों न हों।

खुलासा ये है कि जिन चीजोंकी तिजारत की
जाए उन पर ज़कात वाजिब है और जो चीज़ें
तिजारत का ज़रिया  और सबब बनें और जो
चीज़ें  रोज़मर्रा के  इस्तेमाल  की  हैं  उन  पर
ज़कात नहीं।

ज़कातके मुतअल्लीक ज़रूरीमसाईल अगली
पोस्टमे दिए जाएँगे तब तकके लिए जुड़े रहे।

📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in