Tuesday 9 August 2016

🏼ज़कात किस को दी जाए ?, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -43

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -43
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

    👇🏼ज़कात किस को दी जाए ?👇🏼
अल्लाह  रब्बुल  इज्ज़त ने  माले  सदक़ा  के
मुस्तहिक़ीन की  तफसील कूर्आने अजीम में
यूँ बयान फर्माया है,
    👇🏼चुनांचे इर्शादे बारी तआला है👇🏼
“ज़कात तो उनही लोगों के लिए है, मोहताज
और निरे नादार  और जो उसे तहसील करके
लाएँ और जिनके दिलोंको इस्लाम से उलफत
दी जाए और गरदनें छुड़ाने में  और कर्जदारों
को और अल्लाहकी राहमें और मुसाफिर को
यह  ठहराया हुआ है  उसे अल्लाह  का, और
अल्लाह ईल्म व हिकमत वाला है।”
📚 (सुरए तौबा,पारा-10,आयात-60)

मज़कूरा बाला आयातमें ज़कात के मुस्तहिक
लोगोंका ज़िक्र फर्माया गयाहै, यह वह लोगहैं
जो ज़कात व सदक़ात के सही हक्कदार है।
👉🏾 (1) फकीर,
👉🏾 (2) मिस्कीन,
👉🏾 (3) आमिल,
👉🏾 (4) रिकाब,
👉🏾 (5) गारिम,
👉🏾 (6) फीसबीलील्लाह,
👉🏾 (7) इब्नूस्सबील यानी मुसाफिर।

जो  हजरात  और  भी ज़्यादा  तफ़सीली
जानकारी  चाहते हो  वह बहारे शरीअत,
हिस्सा 5 का मुताअला करे।

📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in