Tuesday 9 August 2016

ऐ’तिकाफ के ज़रिए शबे क़द्र कि तलाश, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -45

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -45
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

ऐ’तिकाफ के ज़रिए शबे क़द्र कि तलाश

हज़रत अबू सईद खुदरी रदीयल्लाहु अन्हु से
रिवायत है  की रसूलुल्लाह صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने रमज़ानुल मुबारकके पहले अशरेमें
ऐ’तिकाफकिया। तुर्की खेमाके अंदर दरम्यान
अशरा में ऐ’तिकाफ किया  फिर सर मुबारक
खेमासे निकाल कर फर्माया, मैंने उस रात की
तलाश में  पहले  अशरे का  ऐ’तिकाफ किया
फिर दरमियानी अशरे का  ऐ’तिकाफ किया।
फिर  मेरे  पास  आने वाला  आया  और मुजे
बताया गया कि  वह रात आखरी अशरे में है,
तो  जिसने  मेरे  साथ  ऐ’तिकाफ  किया  वह
आखरी अशरे में भी ऐ’तकाफ करे।

मुजे यहरात दिखाई गईथी फिर भूला दी गई।
मैंने  उस रात की  सुबह अपने आपको गीली
मिट्टी में सजदा करते देखा,  लिहाजा तुम ईसे
आखरी अशराकी ताक़ रातों में तलाश करो।

हज़रत  अबू  सईद  खुदरी  रदीयल्लाहु अन्हु
फर्मातेहैं, उसरात बारिश हुई और मस्जिदकी
छत  टपकने लगी  और  मेरी आंखो ने रसूले
काएनात صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم को 21 वी
सुबह को देखा के आपकी पेशानी पर गीली
मिट्टी का असर था।
📚 (बुखारी शरीफ, 1/271)

अल्लाह रब्बूल इज़्ज़त हमसबको ऐ’तिकाफ
व शबे क़द्र के फजाइलसे मालामाल फर्माए।
आमीन सुम्मा आमीन

📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in