👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -46
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼ऐ’तिकाफ की फज़ीलत👇🏼
हज़रत इब्ने अब्बास رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه
से रिवायत है कि नबी ए करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने मोअतकिफ (ऐ’तिकाफ करने
वाला) के बारे में इर्शाद फर्माया, “वह गुनाहों
से बाज़ रहता है और नेकियों से उसको
ईस कदर षवाब मिलता है जैसे उसने
तमाम नेकियां कीं।”
📚 (इब्ने माजह)
हज़रत ईमाम हुसैनرَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔهसे
रिवायतहै कि हुजूरेअक़दस صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने फरर्माया “जिसने रमज़ान में दस
दिनों का ऐ’तिकाफ कर लिया तो ऐसा है
जैसे दो हज्ज और दो उमरे किए।”
📚 (बैहक़ी)
आक़ा ए नेअमत صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरर्शाद फरर्माया “ जो शख्स रमज़ानुल
मुबारक के आखरी अशरा में खुलूस के
साथ ऐ’तिकाफ करे अल्लाह तआला
उस के नामा ए आ’माल में 1000 साल
ईबादत का षवाब दर्ज फर्माएगा और
उसको क़यामतकेदिन अपने अर्शके साए
में जगह ईनायत फर्माएगा।”
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
👉🏽 #पार्ट -46
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼ऐ’तिकाफ की फज़ीलत👇🏼
हज़रत इब्ने अब्बास رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه
से रिवायत है कि नबी ए करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने मोअतकिफ (ऐ’तिकाफ करने
वाला) के बारे में इर्शाद फर्माया, “वह गुनाहों
से बाज़ रहता है और नेकियों से उसको
ईस कदर षवाब मिलता है जैसे उसने
तमाम नेकियां कीं।”
📚 (इब्ने माजह)
हज़रत ईमाम हुसैनرَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔهसे
रिवायतहै कि हुजूरेअक़दस صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने फरर्माया “जिसने रमज़ान में दस
दिनों का ऐ’तिकाफ कर लिया तो ऐसा है
जैसे दो हज्ज और दो उमरे किए।”
📚 (बैहक़ी)
आक़ा ए नेअमत صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरर्शाद फरर्माया “ जो शख्स रमज़ानुल
मुबारक के आखरी अशरा में खुलूस के
साथ ऐ’तिकाफ करे अल्लाह तआला
उस के नामा ए आ’माल में 1000 साल
ईबादत का षवाब दर्ज फर्माएगा और
उसको क़यामतकेदिन अपने अर्शके साए
में जगह ईनायत फर्माएगा।”
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in