👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -48
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼शबे क़द्र अहादीष के आईने में👇🏼
हज़रत अबू हुरैरा रदीयल्लाहु अन्हु फर्माते हैं
कि रसुलूल्लाह صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरर्शाद फरर्माया
“ जो शबे क़द्र में ईमान व
यक़ीन के साथ क़याम करे तो उसके
पिछले गुनाह बख़्श दिए जाते है।”
(बुखारी,1/255, मुस्लिम)
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दिवानो ! ईस हदीष शरीफ का मतलब
यह है कि जो शख्स महज़ षवाब कि नियत
और अल्लाहकी रज़ाके लिए क़यामकरे यानि
नवाफ़िल, तिलावत,ज़िक्र व अजकार वगैरामें
मशरूफ़ रहे तो खुदाए गफ्फार ऐसे शख्सके
पिछले गुनाहे सगाईर को माफ फर्मा देता हैं,
और रहे गुनाहे कबाईर तो यह बगैर तौबा के
माफ नहीं होते।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
Copy Paste करके Share करे इल्मे दिन आम करे
👉🏽 #पार्ट -48
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼शबे क़द्र अहादीष के आईने में👇🏼
हज़रत अबू हुरैरा रदीयल्लाहु अन्हु फर्माते हैं
कि रसुलूल्लाह صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरर्शाद फरर्माया
“ जो शबे क़द्र में ईमान व
यक़ीन के साथ क़याम करे तो उसके
पिछले गुनाह बख़्श दिए जाते है।”
(बुखारी,1/255, मुस्लिम)
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दिवानो ! ईस हदीष शरीफ का मतलब
यह है कि जो शख्स महज़ षवाब कि नियत
और अल्लाहकी रज़ाके लिए क़यामकरे यानि
नवाफ़िल, तिलावत,ज़िक्र व अजकार वगैरामें
मशरूफ़ रहे तो खुदाए गफ्फार ऐसे शख्सके
पिछले गुनाहे सगाईर को माफ फर्मा देता हैं,
और रहे गुनाहे कबाईर तो यह बगैर तौबा के
माफ नहीं होते।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in