Tuesday 9 August 2016

शबे क़द्र (लैलतुल क़द्र) कौन सी रात है ?, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -49

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -49
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

शबे क़द्र (लैलतुल क़द्र) कौन सी रात है ?

मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दिवानो ! शबे क़द्र कौन सी रात है ? यह
मुतअय्यन  नहीं,   अलबत्ता  अहादिष में  यह
वारिद हुआ है कि माहे रमज़ानुल मुबारक के
आखरी अशरा  (आखरी 10 दिनों) की ताक़
रातों में तलाश करो। लिहाज़ा माहे रमज़ानुल
मुबारककी 21, 23, 25, 27, 29 वीं रातोको
शब बेदारी  करें  और  ईन रातों को क़याम व
तिलावत  व ज़िक्र  व दुरूद  में  गुजारें  अगर
ज़िम्मा में  कज़ा  नमाज़  बाकी हो  तो  कज़ा
नमाजों को अदा करें क्योंकि ईन रातों के शबे
क़द्र होनेकी ज़्यादा उम्मीदहै
जैसाकी मालिके
कौनोमकांصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم का इर्शादे
गिरामी  है :
“ रमज़ान  शरीफ के  आखरी
अशरा में लैलतुल क़द्र को तलाश करो।”
📚 (बुखारी शरीफ, 1/271)

दूसरी  हदीषे  पाक   में   है   कि  “ आखरी
अशरा की ताक़ रातों में तलाश करो।”
अकषर उलमा ए किराम कि राए यह है  कि
“रमज़ानुल मुबारक की सत्ताईसवीं (27) रात शबे क़द्र है।”

ईमामुलअईम्मा हज़रत सैयदना ईमामेआज़म
अबू  हनीफ़ा  رَضِىَ  اللّٰه ُ تَعَالٰى  عَنٔه  का
मौक़फ यही है और अल्फ़ाज़े कुर्आन से  भी
ईस तरफ ईशारा मिलता है।  मषलन्  सूरतुल
क़द्र में “लैलतुल क़द्र” 3 जगह इरर्शाद हुआ
और  लैलतुल क़द्र  में  9 हर्फे हैं,  9 को 3 से
ज़र्ब देने multiply करने में हासिल सत्ताईस
(27) होता है। (यानि 9x3=27)

माशाअल्लाह
ये है हमारे उलमा की कुर्आने पाक पर नज़र।

📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in