Tuesday 9 August 2016

शबे क़द्र की अलामतें, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -50

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -50
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

          👇शबे क़द्र की अलामतें👇🏼🏼

हुज़ूर नबी ए रहमत صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इरर्शाद फरर्माया
“ यह रात  ईकाई की है
(यानी 21 वीं या 23 वीं या 25 वीं या 27
वीं  या आखरी रात ) यह  रात  बिलकुल
साफ और ऐसी रौशन  होती है  कि गोया
चांद  चढ़ा  हुआ  हैं,  ईस में  सुकून  और
दिलजमई होती है, न सर्दी ज़्यादा होती है
न  गर्मी,  सुबह  तक  सितारे  नहीं  ज़ड़ते
ईसकी एक निशानी यह भी है कि उसकी
सुबह  को  सूरज  तेज़  शुआओं  से  नहीं
निकलता  बल्कि  चौदहवीं रात कि  तरह
साफ निकलता है। ”

मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दिवानो !  मज़कूरा  हदीष शरीफ में  जो
शबे क़द्र कि अलामतें बयान कि गई हैं  उनके
ज़रिया शबे क़द्र को  तलाश करना  बिलकुल
आसान हो  गया  है,  अब  हमारी  ज़िम्मेदारी
बनती है  कि मज़कूरा अलामतों को ज़हन में
रखते हुए शबे क़द्र को तलाश करें और ईसमें
खूब दिलजमई के  साथ अल्लाह तआला की
ईबादत करें।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in