Tuesday 9 August 2016

ईद का दिन और मुसलमान, माहे रमज़ान कैसे गुजारे ..? पार्ट -54

👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -54
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

ईद का दिन और मुसलमान

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे  दिवानो !  माहे  रमज़ानुल  मुबारक  के
गुज़रने के फौरन बाद खुदाए तआला हमें ईद
मनाने का मौक़ा अता फर्माता है
अल्हम्दुलिल्लाह    यह  उस  का  बहुत  बड़ा
एहसान  है,
 लेकिन .......... अफसोस !
आज  उम्मते मुस्लिमा  ईदे  सईद के  हक़ीक़ी
मफ़हूमसे नावाकिफ है  हमारा खयाल यह है
कि इस में  सिर्फ हमें 2 रकअत  नमाज़  अदा
करने के बाद घूम फिर के  और फुजूल कामों
में उसे गुज़ार देना है मआज़ल्लाह ........
हत्ता की  बाज़ नौजवान दोगाना (2 रकअत)
अदा  करने के  फौरन  बाद घूमने  फिरने की
जगहों, सिनेमाहोल और पिकनिककी जगहों
की तरफ रवाना हो जाते हैं मआज़ल्लाह ...
और
 माहे रमज़ान  जो हमें गुनाहों से  रोकने
के लिए आया था और हमें तक़वाका दर्स देने
आया था उसके गुज़र जानेके बाद तक़वा का
तसव्वुर ही हमारे दिल से खत्म हो जाता है।

यादरहे ! ईस्लाम खुशी मनानेका हुक्म देता है
मगर  वह खुशी  जिसमें शरीअते मुतह्हरा के
एहकाम की खिलाफ वरज़ी की जाए ईस्लाम
ईसकी हरगिज़ इजाजत नहीं देता।

लिहाज़ा हमें ईदका मुबारक दिन भी अल्लाह
रब्बुल इज़्ज़तकी यादमें और गुनाहोंसे अपने
आपको बचाते हुए गुज़ारना चाहिए।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे 
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
    मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in