👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -55
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼ईद के दिन यह बातें मुस्तहब हैं👇🏼
👉🏾 हजामत बनवाना (बाल तराशवाना)
👉🏾 नाखुन काटना
👉🏾 गुस्ल करना
👉🏾 मिस्वाक करना
👉🏾 अच्छे कपड़े पहनना
(नयाहो तो नया वरना साफसुथरा धुलाहुआ)
👉🏾 अमामा शरीफ बांधना
👉🏾 अंगूठी पहनना
👉🏾 खुश्बु लगाना
👉🏾 फजर मुहल्ले की मस्जिद में पढ़ना
👉🏾 ईदगाह जल्द जाना
👉🏾 कषरत से सदक़ा देना
👉🏾नमाज़सेपहले सदक़ाएफित्र अदाकरना
👉🏾 ईदगाह को पैदल जाना
👉🏾 दूसरे रास्ते से वापिस आना
👉🏾 नमाज़ को जाने से पहले चंद खजूरें
खालेना (3, 5 या 7 या कम व बेश
मगर ताक़ अदद में हों)
👉🏾 खजूरें नहों तो कुछ मीठीचीज़ खाले
👉🏾 खुशी ज़ाहिर करना
👉🏾 ईदगाह को ईत्मिनान व वक़ार से
और नीची निगाह किए आना
👉🏾 आपस में मुबारक बाद देना
👆🏽यहसब बातें ईदके दिन मुस्तहबहैं👆🏽
ईसपर अमल करें और सारी दुनियाके
मुसलमानों के लिए भलाई की दुआ करें।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
पूरा पढ़ने के लिए ये वेबसाइट ओपन करे www.SDITeam.blogspot.in
Copy Paste करके Share करे इल्मे दिन आम करे
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🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼ईद के दिन यह बातें मुस्तहब हैं👇🏼
👉🏾 हजामत बनवाना (बाल तराशवाना)
👉🏾 नाखुन काटना
👉🏾 गुस्ल करना
👉🏾 मिस्वाक करना
👉🏾 अच्छे कपड़े पहनना
(नयाहो तो नया वरना साफसुथरा धुलाहुआ)
👉🏾 अमामा शरीफ बांधना
👉🏾 अंगूठी पहनना
👉🏾 खुश्बु लगाना
👉🏾 फजर मुहल्ले की मस्जिद में पढ़ना
👉🏾 ईदगाह जल्द जाना
👉🏾 कषरत से सदक़ा देना
👉🏾नमाज़सेपहले सदक़ाएफित्र अदाकरना
👉🏾 ईदगाह को पैदल जाना
👉🏾 दूसरे रास्ते से वापिस आना
👉🏾 नमाज़ को जाने से पहले चंद खजूरें
खालेना (3, 5 या 7 या कम व बेश
मगर ताक़ अदद में हों)
👉🏾 खजूरें नहों तो कुछ मीठीचीज़ खाले
👉🏾 खुशी ज़ाहिर करना
👉🏾 ईदगाह को ईत्मिनान व वक़ार से
और नीची निगाह किए आना
👉🏾 आपस में मुबारक बाद देना
👆🏽यहसब बातें ईदके दिन मुस्तहबहैं👆🏽
ईसपर अमल करें और सारी दुनियाके
मुसलमानों के लिए भलाई की दुआ करें।
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in