Sunday 7 August 2016

प्यारे हबीब सल्लल्लाहुअलैहिवसल्लम की इत्तिबाअ और पैरवी

मेरे प्यारे आक़ा के प्यारे दीवानो ! हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरते मुबारका और आपकी सुन्नते मुक़द्दसा की इत्तिबाअ और पैरवी हर मुसलमान पर वाज़िब व लाज़िम है।
इसीलिये प्यारे आक़ा के प्यारे सहाबा किराम आपकी हर सुन्नते करीमा की इत्तिबाअ और पैरवी को अपनी ज़िंदगी के हर क़दम पर अपने लिए लाज़िमुल ईमान और वाज़िबुल अमल समझते थे और बाल बराबर भी कभी किसी मुआमले में भी अपने प्यारे रसूल की मुक़द्दस सुन्नतों से इन्हिराफ़ या तर्क गवारा नहीं कर सकते थे।
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से दुआ है कि हमे अपने प्यारे हबीब की इत्तिबाअ और पैरवी करने वाला बनाये।    आमीन 

किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. More Info. www.SDIteam.blogspot.in

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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in